इस कदर चाहूँगा तुम्हे कि
इस कदर चाहूँगा तुम्हे कि... इस कदर चाहूँगा तुम्हे कि, अपना नाम और पता क्या, शहर भूल जाओगी।अकड़ तब तक है, जब तक मिली नही हो , मिलने पर मिश्री…
इस कदर चाहूँगा तुम्हे कि... इस कदर चाहूँगा तुम्हे कि, अपना नाम और पता क्या, शहर भूल जाओगी।अकड़ तब तक है, जब तक मिली नही हो , मिलने पर मिश्री…
two line Shayari तुम फरेबी हो वादा करके तोड़ देते हो ,कसमे निभाने का दावा करके छोर देते हो ।। Tum farebi ho vada karke tor dete ho,Kasme nibhane ka…
प्रेम कविता जब मैं तुम्हारे गोद मे सर रखकर सोता था , मानो प्यासे पथिक को पानी मिल जाता था ।।उलझी हुई गेसुओ को जब अपनी उंगलियो से सुलझाता था…